सहजन (Drumstick) : दैनिक जीवन में उपयोग, लाभ, न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी !

सहजन (Drumstick) : दैनिक जीवन में उपयोग , लाभ , न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी !

 

 

परिचय

 

अक्सर हम सांभर के कटोरे में इसे तैरते हुए देखते हैं, सहजन (ड्रमस्टिक) को वैज्ञानिक दृष्टि से मोरिंगा ओलेइफेरा लैम के नाम से जाना जाता है। यह मोरिंगेसी वृक्ष परिवार से संबंधित है। यह एक छोटा, तेज़ी से बढ़ने वाला, सदाबहार पेड़ है जो उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) क्षेत्रों में उगता है। यह भारत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। सहजन (ड्रमस्टिक) को हॉर्सरैडिश ट्री या ड्रमस्टिक ट्री (अंग्रेजी में), सुभंजना (संस्कृत में), हरिताशाका या अक्षीवा (आयुर्वेद में) और सैन्जना या सगुना (हिंदी में) के रूप में भी जाना जाता है।

 

सहजन (ड्रमस्टिक) के प्रत्येक भाग में मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक गुण होते हैं ; इसलिए, यह महत्वपूर्ण पोषण संबंधी जड़ी बूटियों में से एक है। कई वर्षों से सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा दवा के रूप में किया जाता रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार, सहजन (ड्रमस्टिक) की हाई न्यूट्रिशनल वैल्यू, जल धारण करने की क्षमता और शुद्धिकरण क्षमता के कारण विभिन्न बीमारियों के लिए यह उपयोगी और मददगार है।

 

सहजन (Drumstick) में उपस्थित पोषण की मात्रा

 

सहजन (Drumstick) महत्वपूर्ण खनिज और पोषक तत्वों की बड़ी और दुर्लभ किस्म प्रदान करता है। सहजन (ड्रमस्टिक) के कंद, पत्ते, फूल, छाल, जड़ और बीज में भी बायोएक्टिव यौगिक होते हैं।

 

पोषक तत्व मात्रा (100 ग्राम में )
उर्जा  37 किलोकैलोरी 
प्रोटीन  2.1 ग्राम 
फैट (वसा)  0.2 ग्राम 
कार्बोहाइड्रेट   8.53 ग्राम 
फायबर  3.2 ग्राम 
कैल्शियम  30 मिलीग्राम 
आयरन 0.36 मिलीग्राम
मैगनीशियम  45 मिलीग्राम 
फास्फोरस  50 मिलीग्राम
पोटेशियम  461 मिलीग्राम
सोडियम 42 मिलीग्राम
जिंक 0.45 मिलीग्राम
कॉपर  0.084 मिलीग्राम
मैगनीज 0.259 मिलीग्राम
सेलेनियम  0.7 म्युग्राम 
विटामिन – C 141 मिलीग्राम
थायमिन  0.053 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन 0.074 मिलीग्राम
विटामिन – B6 0.12 मिलीग्राम
फोलेट  44 म्युग्राम
विटामिन – A 4 म्युग्राम 

 

 

Join the Group :

 

   WhatsApp

 

   Telegram

 

 

सहजन (Drumstick) के गुण 

 

 

सहजन (Drumstick) के प्रमुख घटकों में बायोलॉजिकल गतिविधियां होती हैं जो आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग, निसर्ग-चिकित्सा पद्धति और सिद्धा जैसी अनेक औषधीय प्रणालियों में इसके  उपयोग में भूमिका निभाता हैं। सहजन (ड्रमस्टिक) के गुण इस प्रकार हैं  –

  • इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होता है |
  • यह एंटी-डायबिटिक होता है | (ब्लड ग्लुकोज के स्तर को कम करता है)
  • इसमें एंटी-कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है |
  • इसमें एंटी-सीज़्यूर के गुण होता है |
  • यह एंटी-अस्थमैटिक हो सकता है |
  • यह सूजन को कम करने में मदद करता है |
  • यह एंटी पैरासाइटिक एजेंट के रूप में कार्य करता है |
  • इसमें एंटी-बैक्टेरियल गुण होता हैं |
  • इसमें एंटी-फंगल गुण होता हैं |
  • इसमें एंटी-बैक्टेरियल गुण होता हैं |
  • इसमें एंटी-फंगल गुण होता हैं |
  • इसमें एक एंटी-पायरेटिक (बुखार कम करने वाला) एजेंट होता है |
  • यह एक एंटी-अल्सर (अल्सर के बनाने को कम करता है) एजेंट के रूप में कार्य करता है |
  • इसमें एंटी-स्पास्मोडिक (मांसपेशियों की ऐंठन से राहत देने वाला) गुण होता है |
  • इसमें एंटी-एलर्जी क्षमता होता है |
  • यह ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करता है |
  • यह किडनी की पथरी को कम करने में मदद करता है |
  • यह हैपटो-प्रोटेक्टिव (लीवर) को क्षति से बचाता है |
  • यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है |
  • यह एक लैक्सेटिव (कब्ज को नियंत्रित करता है) के रूप में कार्य करता है।
  • यह एक ड्यूरेटिक (पेशाब बनने को बढ़ावा देता है) के रूप में कार्य करता है। 

 

 

सहजन (Drumstick) : दैनिक जीवन में उपयोग, लाभ, Best 9 Ideas , सहजन के उपयोग, लाभ, न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी , सहजन के साइड इफ़ेक्ट
सहजन (Drumstick) : दैनिक जीवन में उपयोग, लाभ, Best 9 Ideas , सहजन के उपयोग, लाभ, न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी , सहजन के साइड इफ़ेक्ट

 

 

सहजन (Drumstick) का उपयोग

 

सहजन (Drumstick) का उपयोग हाई न्यूट्रिशन वैल्यू के साथ कई प्रकार से किया जाता है। इस पौधे के विभिन्न भाग उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं जो विशेष रूप से दक्षिण एशिया के स्थानीय चिकित्सा प्रणालियों में विभिन्न रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं। सहजन (ड्रमस्टिक) के उपयोगों  कुछ इस प्रकार हैं।

 

डायबटीज के लिए सहजन का उपयोग

 

सहजन (Drumstick) के पत्ते के रस में एंटी-डायबटीज गुण दिखाई देता हैं जो हमारे ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करता हैं। एक पशु पर हुए अध्ययन (गुप्ता आर और अन्य 2012) से पता चला कि सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्तों का रस डायबटीज़ की वृद्धि को कम करने में मदद कर सकता है और प्रोटीन व इंसुलिन हार्मोन के बनने में वृद्धि करके सीरम ग्लूकोज के स्तर में कमी भी लाता है।

 

पशु पर हुए एक अन्य अध्ययन (नोंग एम और अन्य 2007) से पता चला कि सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्तों का रस रक्त में ग्लूकोज़, मूत्र में शर्करा, प्रोटीन, हीमोग्लोबिन और कुल प्रोटीन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि, उपरोक्त दावों को सत्यापित करने के लिए और ज़्यादा अध्ययन करने की जरुरत है। क्योंकि डायबिटीज़ एक गंभीर बीमारी है और इसका निदान व इलाज डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरुर ले।

 

घाव भरने के लिए सहजन का उपयोग

 


पशुओं पर हुए विभिन्न अध्ययन (बी. एस राठी और अन्य 2006, वी.आई. हुक्केरी और अन्य 2006) से पता चलता है कि सहजन (ड्रमस्टिक) के सूखे पत्तों से निकला गया रस पशुओं के मॉडल में ग्रेन्युलोमा (डेड स्पेस), कटे और चीरे घाव को भरने में मदद करता है। यह घाव की जगह को भी काफ़ी हद तक कम करता है, घाव के भरने में मदद करता है, और त्वचा की पपड़ी की टूटन को मजबूत करता है। हालांकि, घाव भरने के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोगों को साबित करने के लिए मनुष्यों पर अभी और ज़्यादा अध्ययन करने की आवश्यकता है।

 

 

किडनी के लिए सहजन का उपयोग

 


सहजन (Drumstick) की छाल, पत्तियां, बीज, फूल और जड़ों में ड्यूरेटिक गतिविधि होती है जो कि किडनी डिस्फंक्शन (दुष्क्रिया) वाले रोगियों में पेशाब के बनने में सहायक होती है। यह किडनी में ऑक्सालेट नमक (पथरी बनाने वाली ईकाइया) के जमाव को कम करने में भी मदद करता है। पशु पर हुए एक अध्ययन (आर. वी. कराडी और अन्य 2008) में पाया गया कि सहजन (ड्रमस्टिक) की जड़ का रस किडनी में नमक और मूत्र के उत्सर्जन को कम करता है।

 

इसके अलावा, ये रस बड़े हुए सीरम यूरिक एसिड और क्रिएटिनिन के स्तर को भी कम करते हैं। यह जानकारी अपर्याप्त है क्योंकि ये अध्ययन अभी सिर्फ पशुओ पर किए गए है। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए मनुष्यों पर इसके और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। किडनी की बीमारी गंभीर होती हैं और उनका निदान और इलाज डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए, इसलिए कृपया डॉक्टर से परामर्श जरुर ले। हम सलाह देते हैं कि आप डॉक्टर से सलाह लेने से पहले खुद से इलाज करने के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग न करें।

 

कैंसर के लिए सहजन का उपयोग

 

सहजन (Drumstick) के पत्ते और बीज संभावित एंटी-ट्यूमर गतिविधियों को बताता है। इसमें कुछ यौगिक होते हैं जो अवरोधक के रूप में कार्य करते हैं और ट्यूमर बढ़ाने वाले अणुओं की गतिविधि को बाधित करते हैं। मानव कैंसर की कोशिकाओं पर इन-विट्रो अध्ययनों से पता चला कि सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्ते के रस की अधिकतम खुराक कैंसर कोशिकाओं के संभावित विषाक्त प्रभाव कैंसर कोशिकाओं की संख्या को कम करने में अपना योगदान देती है। हालांकि, कैंसर के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग को साबित करने के लिए अभी बहुत ज़्यादा व्यापक शोधों की आवश्यकता है। इसके अलावा, कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसका निदान और इलाज डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए।

 

सहजन के अन्य उपयोग

 

सहजन (Drumstick) की छाल, पत्तियों, बीज और जड़ों में बैक्टीरिया और कवक के खिलाफ एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि होती है और आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे आपको विशिष्ट स्थितियों में प्रिस्क्राइब करते है। जब इसे तिल के तेल के साथ मिलाया जाता है, तो सहजन (ड्रमस्टिक) द्वारा उत्पादित गम, पाचन संबंधी समस्याओं, सिरदर्द, दस्त (पेट में संक्रमण), बुखार और अस्थमा जैसी बीमारियों में भी आपकी मदद करता है। सहजन (ड्रमस्टिक) की जड़ की छाल का रस कान (कान के अंदर दर्द) में दर्द और दांतों में दर्द को कम करता है।

 

सहजन (ड्रमस्टिक) की पत्तियां इन्फ्लूएंजा की समस्या (श्वसन तंत्र के वायरल संक्रमण) के लिए उपयोगी होता  हैं। सहजन (ड्रमस्टिक) की सूखी जड़ की छाल से पाइल्स, गॉइटर (थायराइड ग्रंथि की सूजन) और अंदरूनी फोड़ा (पस का बनना) के इलाज में मदद मिलती है नियमित रूप से सहजन (ड्रमस्टिक) का सेवन करने से पहले आपको हमेशा अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सही रूप और खुराक निर्धारित करने के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति होंगे।

 

किसी भी हर्बल सप्लीमेंट को लेने से पहले आपको किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श किए बिना आधुनिक चिकित्सा के चल रहे उपचार को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की तैयार दवा से न तो बदलें या न ही रोकें। सहजन (ड्रमस्टिक) के दुष्प्रभावः पिछले कुछ वर्षों में, सहजन (ड्रमस्टिक) की प्राकृतिक उत्पत्ति और कुछ दुष्प्रभावों के कारण इस पर काफ़ी शोध किये गए है। यह एंटी-एलर्जिक एजेंट होता है और आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में जड़ी-बूटियों के उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है |  हालांकि, कुछ लोगों को सहजन (ड्रमस्टिक) के बीज की फलियों से एलर्जी हो सकती है। इसके सबसे सामान्य दुष्प्रभाव निम्न हैं –  

  • चेहरे का एंजियोएडेमा (त्वचा के नीचे सूजन)
  • हाइपोटेंशन (लो ब्लड प्रेशर)
  • निचले अंग की त्वचा में जलन
  • ऑक्यूपेशनल अस्थमा का कारण सांस लेने से होने वाली चिड़चिड़ाहट होती है।

 

सहजन के साथ बरती जाने वाली सावधानियां

 

आम तौर पर सहजन (Drumstick) को सुरक्षित माना जाता है अगर इसे कम मात्रा में खाया जाए। हालांकि, दिक्कतों से बचने के लिए सामान्य सावधानी बरतनी चाहिए । सहजन (ड्रमस्टिक) एंटी-फर्टिलिटी एजेंट के रूप में कार्य करता है और गर्भपात का कारण बन सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान आरोपण की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को सहजन (ड्रमस्टिक) का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। सहजन (ड्रमस्टिक) के व्यंजन खाने से बचें। हालांकि, यदि कोई असामान्य लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें।

 

सहजन (ड्रमस्टिक) के बीजों की फलियों से गंभीर एलर्जी हो सकती है जिससे त्वचा में जलन, लो ब्लड प्रेशर व पूरे शरीर में सूजन भी हो सकती है। अतः अतिसंवेदनशील प्रतिक्रियाओं से बचने के लिए अतिसंवेदनशील व्यक्तियों को ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। यदि कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें। कृपया अपनी मर्जी से दवाई न लें, कृपया चल रहे किसी भी इलाज को अपने आप न घटाएं-बढ़ाएं, न बदलें या न रोकें। कृपया स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श जरुर ले ।

 

अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल करना

 

सहजन (Drumstick) में अनेकों बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जो कि कई ड्रग मेटाबोलाइजिंग एंजाइमों के साथ क्रियाएँ करता हैं जिसके परिणामस्वरूप दवा के अवशोषण, वितरण, उपापचय और शरीर से निरसन में परिवर्तन होता है और जो संभवतः विषाक्तता और उपचार की विफलता का कारण बनता है। सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्तों का रस ऐसे एंजाइमों में से एक को रोकता है, जो दवाओं के विषाक्तीकरण के लिए ज़िम्मेदार है। सहजन (ड्रमस्टिक) का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और सुनिश्चित करें कि यह आपके लिए सुरक्षित है या नहीं ।

 

सहजन (Drumstick) : दैनिक जीवन में उपयोग, लाभ, Best 9 Ideas , सहजन के उपयोग, लाभ, न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी , सहजन के साइड इफ़ेक्ट
सहजन (Drumstick) : दैनिक जीवन में उपयोग, लाभ, Best 9 Ideas , सहजन के उपयोग, लाभ, न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी , सहजन के साइड इफ़ेक्ट

 

Disclaimer

 

हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉर्मेशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारी या विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए।

 

FAQs 

 

प्रश्न  : सहजन (ड्रमस्टिक) में कौन से विटामिन होते हैं ?

 

उत्तर  : सहजन (Drumstick) में विटामिन A, C, B1, B2, B6 और B9 जैसे विटामिन होते हैं जो विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के लिए फ़ायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, लोगों को डॉक्टर से परामर्श करने से पहले खुद से चिकित्सा के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग नहीं करना चाहिए।

 

प्रश्न  : क्या सहजन (ड्रमस्टिक) को गर्भावस्था में खाना अच्छा है ?

 

उत्तर  : गर्भावस्था के दौरान सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग के बारे में अपर्याप्त और अनिश्चित डेटा उपलब्ध है। कृपया इसे खाने से पहले अपनी गाइनकॉलजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से परामर्श करें और इसे खाने से पहले पता करें कि यह सुरक्षित है या नहीं।

 

प्रश्न  : क्या सहजन (ड्रमस्टिक) थायरॉयड को नियंत्रित करने में मदद करता है ?

 

उत्तर  :  हां। सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्तों का रस थायरॉयड हार्मोन के लिए सहायक हैं जो आगे हाइपरथायरायडिज्म (अतिरिक्त थायरॉयड हार्मोन) में और मदद कर सकता हैं। 

 

प्रश्न  : सहजन (ड्रमस्टिक) के अन्य सामान्य नाम क्या हैं ?

 

उत्तर  : सहजन (ड्रमस्टिक) के अन्य सामान्य नाम मुरिन्ना या सिगरू (मलयालम में), ला केन (चाइनीज़ में), सुरगावो (गुजराती में), सैंजना या सोंजना (पंजाबी में), मॉरिगकाई (तमिल में), रावांग (अरबी में) और मुलागा या मुनागा (तेलुगु में) हैं। 

 

प्रश्न  : सहजन (ड्रमस्टिक) से होने वाली एलर्जी का मुख्य निदान परीक्षण क्या है ?

 

उत्तर  : सहजन (ड्रमस्टिक) के कारण होने वाली एलर्जी की प्रतिक्रियाओं का पता लगाने के लिए स्किन प्रिक (सुई) टेस्ट एक संभावित नैदानिक टूल है।

 

प्रश्न  : सहजन कौन कौन सी बीमारी में काम आता है ?

 

उत्तर  :  जब इसे तिल के तेल के साथ मिलाया जाता है, तो सहजन (ड्रमस्टिक) द्वारा उत्पादित गम, पाचन संबंधी समस्याओं, सिरदर्द, दस्त (पेट में संक्रमण), बुखार और अस्थमा जैसी बीमारियों में भी आपकी मदद कर सकता है। सहजन (ड्रमस्टिक) की जड़ की छाल का रस कान (कान के अंदर दर्द) में दर्द और दांतों में दर्द को कम करता है। 

 

प्रश्न  : सहजन कब नहीं खाना चाहिए ?

 

उत्तर  : लो ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए सहजन बहुत नुकसानदेह है। प्रेग्नेंसी और पीरियड्स के दौरान सहजन का सेवन करने से बचना चाहिए। सहजन खाने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जिन लोगों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या है उन्हें सहजन का सेवन करने से बचना चाहिए। डिलीवरी के ठीक बाद सहजन खाने से बचना चाहिए।

 

प्रश्न  : सहजन की तासीर क्या होती है ?

 

उत्तर  : सहजन की तासीर गर्म होती है, इसलिए ऐसे लोग जिन्हे गर्मी की समस्या (एसिडिटी, ब्लीडिंग, पाइल्स, भारी मासिक धर्म, मुंहासे) होती है, उन्हें इससे बचना चाहिए या सावधानी के साथ इसका सेवन करना चाहिए। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। 

 

प्रश्न  : सहजन की पत्ती पीने से क्या लाभ होता है ?

 

उत्तर  : सहजन की पत्तियों के फायदे (Health Benefits Of Eating Drumstick Leaf)

  • वजन घटाने के लिए
  • डायबिटीज के लिए 
  • दिल के लिए 
  • अल्सर के लिए 
  •  इम्यूनिटी के लिए 

 

प्रश्न  : क्या मैं रोज सहजन खा सकती हूं ?

 

उत्तर  : जी हां, त्वचा के लिए सहजन के कई फायदे हैं। वे प्राकृतिक विटामिन सी से भरपूर होते हैं, जो कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देता है। नियमित रूप से सहजन खाने से महीन रेखाओं और झुर्रियों में कमी और झुर्रियों में कसाव आना भी कुछ अतिरिक्त फायदे हैं। 

 

प्रश्न  : प्रति दिन कितना सहजन खाना चाहिए ?

 

उत्तर  : एक सौ ग्राम ताजी फलियाँ हमारी दैनिक विटामिन सी की 157% आवश्यकता को पूरा करती हैं। नतीजतन, वे आपके आहार में एक उत्कृष्ट अतिरिक्त हो सकते हैं, खासकर यदि आप शाकाहारी हैं और मांसपेशियों को हासिल करने की कोशिश करता हैं। यह समृद्ध जैव सक्रिय पौधों के यौगिकों वाला एक पौष्टिक पौधा है। इसके अलावा, सहजन में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। 

 

प्रश्न  : क्या सहजन हड्डियों के लिए अच्छा है ?

 

उत्तर  : कैल्शियम और आयरन की उच्च मात्रा की उपस्थिति के कारण सहजन स्वस्थ हड्डियों की संरचना को बढ़ावा देने में मदद करता है। वे न केवल हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं बल्कि हड्डियों के घनत्व के नुकसान को भी रोकते हैं, जिससे समग्र सहनशक्ति और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

 

प्रश्न  : क्या सहजन खाने के बाद दूध पी सकते हैं ?

 

उत्तर  : सहजन (मोरिंगा ओलीफेरा) खाने के बाद दूध पीने से कोई नुकसान होता है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। वास्तव में, दूध और सहजन दोनों ही अलग-अलग पोषण लाभ प्रदान करते हैं। सहजन विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जिसमें विटामिन सी, पोटेशियम और बीटा कैरोटीन शामिल हैं। 

 

प्रश्न  : सहजन का दूसरा नाम क्या है ?

 

उत्तर  : मोरिंगा को सहजन भी कहा जाता है |

 

प्रश्न  : क्या सहजन गैस का कारण बनता है ?

 

उत्तर  : मोरिंगा पेड़ की जड़ खाने से बचें। इसमें एल्कलॉइड स्पाइरोचिन होता है, जो एक संभावित न्यूरो-पैरालिटिक टॉक्सिन है और पक्षाघात और मृत्यु का कारण बन सकता है। मोरिंगा की पत्तियों में रेचक गुण होते हैं। बड़ी मात्रा में खाने पर ये पेट खराब, दिल में जलन, गैसीय फैलाव और दस्त का कारण बन सकते हैं।

 

प्रश्न  : सहजन खाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है ?

 

उत्तर  : खाने के लिए सहजन के टुकड़े को अपने दांतों से मजबूती से पकड़ें और फली के अंदर का गूदा और बीज निकालते समय अपनी उंगलियों से खींचें। यदि आप चाहें तो त्वचा को चबाएं और त्याग दें। बिल्कुल स्वादिष्ट! छिलके को नहीं निगलना चाहिए, केवल फली के अंदर का गूदा और कोमल बीज। 

 

प्रश्न  : प्रति दिन कितना सहजन खाना चाहिए ?

 

उत्तर  : एक सौ ग्राम ताजी फलियाँ हमारी दैनिक विटामिन सी की 157% आवश्यकता को पूरा करती हैं। नतीजतन, वे आपके आहार में एक उत्कृष्ट अतिरिक्त हो सकते हैं, खासकर यदि आप शाकाहारी हैं और मांसपेशियों को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। यह समृद्ध जैव सक्रिय पौधों के यौगिकों वाला एक पौष्टिक पौधा है। इसके अलावा, सहजन में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। 

 

प्रश्न  : अधिक सहजन खाने से क्या होता है ?

 

उत्तर  : भारी मात्रा में सहजन खाने से एल्कलॉइड की प्रचुर मात्रा के कारण रक्तचाप कम हो सकता है और हृदय गति धीमी हो सकती है। सहजन की छाल का सेवन करने से गर्भाशय में संकुचन हो सकता है। थायराइड की दवा के साथ सहजन का सेवन भी उचित नहीं है।

 

प्रश्न  : सहजन की पत्ती उबालकर पीने से क्या होता है ?

 

उत्तर  : Benefits of Drumsticks Leaves: सहजन या मोरिंगा विटामिन-ए विटामिन-सी, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यदि हम इस पेड की पत्तियों को पानी में उबालकर इसका सेवन करते हैं तो इससे हमारी हड्डियां मजबूत होती है साथ ही और कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं।

 

प्रश्न  : सहजन के पत्ते खाली पेट खाने से क्या होता है ?

 

उत्तर  : मोरिंगा की पत्तियों का पानी पीने के फायदे : सुबह खाली पेट मोरिंगा की पत्तियों का पानी पीना आपके लिए डिटॉक्स वाटर का काम करेगा। यह आपके शरीर को अंदर से डिटॉक्सीफाई करता है। इससे आपके शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। 

 

प्रश्न  : क्या सहजन के पत्ते रोज पी सकते हैं ?

 

उत्तर  : बढ़ते वजन से परेशान हैं तो रोज़ाना सुबह खाली पेट सहजन की पत्तियों का सेवन करें। ये पत्तियां वेट को कंट्रोल करती हैं। सहजन या मोरिंगा एक ऐसा पेड़ है जिसके फूल, फलियां और पत्तियां सहित पेड़ का हर भाग कीमती है। पारंपरिक औषधियों में सहजन एक ऐसा पेड़ है जो बेहतरीन औषधी है। 

 

प्रश्न  : सहजन के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से क्या लाभ होता है ?

 

उत्तर  : सहजन के पत्ते उबालकर पीने के फायदे – Drumstick Leaves Boiled Water Benefits

  • कम होता है हृदय रोगों का जोखिम
  • ब्लड शुगर रहता है कंट्रोल
  • मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है
  • कैंसर के विकास का जोखिम कम होता है 
  • क्रॉनिक रोगों का जोखिम कम होता है |

 

 

Thank You !

 

 

Founder and Onwer of Mathematical Academy .

...

Leave a Comment