शहतूत (Mulberry) : दैनिक जीवन में उपयोग , लाभ , न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी !

शहतूत (Mulberry) : दैनिक जीवन में उपयोग , लाभ , न्यूट्रिशनल वैल्यू और भी महत्वपूर्ण जानकारी !

 

 

परिचय

 

 

शहतूत (Mulberry) का वैज्ञानिक नाम मोरस अल्बा है। यह मोरेसी परिवार से संबंधित है। यह दवाओं और उपचारों में उपयोग की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों (हर्ब प्लांट) में से एक है। ‘मोर अस’ एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘विचित्र रूप से पर्याप्त, इसी से ‘मल’ शब्द की उत्पत्ति हुई। जीनस मोरस की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं और देशी लाल शहतूत (मोरस रूब्रा), पूर्वी एशियाई सफेद शहतूत (मोरस अल्बा), और दक्षिण-पश्चिमी एशियाई काले शहतूत (मोरस नाइग्रा) आदि, शहतूत (मल्बेरी) की कुछ महत्वपूर्ण प्रजातियाँ हैं।

 

12 मल्बेरी के फलों को तुत और शहतूत (राजा या “श्रेष्ठ” शहतूत) के रूप में जाना जाता है और ये मीठे, रसीले और बेहद स्वादिष्ट होते हैं। ये भारत, चीन, जापान, उत्तरी अफ्रीका, अरब और दक्षिण यूरोप जैसे समशीतोष्ण क्षेत्रों (टेम्परेट रीजन) में पर्णपाती पेड़ों पर लटकते हुए बढ़ते हैं। शहतूत (मल्बेरी) की पत्तियाँ रेशम के कीड़ों के भोजन का एकमात्र स्रोत हैं। इसके पत्ते दवाओं (फार्मसूटिकल), सौंदर्य प्रसाधनों (कॉस्मेटिक्स) और खाद्य उद्योगों (फूड इंडस्ट्रीज़) में बहुत उपयोगी होते हैं; इसलिए इसके पेड़ को ‘कल्पवृक्ष’ के नाम से भी जाना जाता है। 

 

 

शहतूत का पोषण मूल्य (न्यूट्रिशनल वैल्यू)

 

शहतूत (Mulberry) में कई सारे पोषक तत्व होते हैं जिनके बारे में नीचे दिया गया है। इस फल में कई तरह के ऑर्गेनिक कंपाउंड (जैविक यौगिक) होते हैं जैसे कि : जिया-जेन्थिन , एंथोसायनिन, फाइटो-न्यूट्रिएंट्स, ल्यूटिन, रेस्वेराट्रोल और कई तरह के अन्य पॉलीफेनोलिक यौगिक (कंपाउंड)।

 

पोषक तत्व मात्रा (%)
फैट (वसा) 1
कार्बोहाइड्रेट  5
डाइटरी फाइबर  9
सोडियम  1
कैल्शियम 4
आयरन 14
पोटेशियम 6
प्रोटीन 4
विटामिन – C  57
विटामिन – E  8
विटामिन – K  9
विटामिन – B1  3
विटामिन – B2 11
विटामिन – B3 5
विटामिन – B6 4
फोलेट 2

 

 

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शहतूत (Mulberry) के गुण

 

 

शहतूत (Mulberry) के कई हिस्सों से निकले अर्क (एक्सट्रैक्ट) में बहुत से गुण होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है :

  • एंटी-इंफ्लेमेट्री (जलन और सूजन को कम कर सकता है)
  • एंटी-पायरेटिक (बुखार कम करने में मदद कर सकता है) 
  • ऐन्थेल्मिन्टिक (कुछ तरह के परजीवी कीड़ों (पैरासिटिक वर्म्स) को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है)
  • असामान्य खून के थक्कों का बनना धीमा कर सकता है
  • धमनियों (आर्टरीज़) की भीतरी दीवारों पर वसायुक्त पदार्थ (फैटी मटीरियल) को जमने से रोकने में मदद करता है
  • इसमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने के गुण हो सकते हैं
  • इसमें ब्लड शुगर के स्तर को कम करने के गुण हो सकते हैं
  • त्वचा और बालों के लिए अच्छा है

 

 

शहतूत (Mulberry) : दैनिक जीवन में उपयोग और 12 Best Ideas , शहतूत का दैनिक जीवन में उपयोग और लाभ , शहतूत (Mulberry) का उपयोग और सावधानियां
शहतूत (Mulberry) : दैनिक जीवन में उपयोग और 12 Best Ideas , शहतूत का दैनिक जीवन में उपयोग और लाभ , शहतूत (Mulberry) का उपयोग और सावधानियां

 

 

शहतूत (Mulberry) का उपयोग

 

लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल)

 

शहतूत (Mulberry) आयरन से भरपूर होता है, जो कि ज्यादातर फलों में मुश्किल से ही होता है। आयरन के होने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल) का उत्पादन बढ़ता है। यह शरीर की अंग प्रणालियों (ऑर्गन सिस्टम) और ऊतकों (टिश्यू) तक सही प्रकार से ऑक्सीजन पंहुचाने में मदद कर सकता है। इससे पता चलता है कि शहतूत (मल्बेरी) मेटाबोलिज्म को बढ़ा सकते हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों को ठीक से काम करने में मदद कर सकता है।

 

पाचन (डाइजेशन) के लिए शहतूत का उपयोग

 

शहतूत (Mulberry) में काफी मात्रा में डाइटरी फाइबर होने के कारण यह पाचन (डाइजेशन) को सुधारने में मदद कर सकता है। शहतूत (मल्बेरी) की एक खुराक से मिला डाइटरी फाइबर, हमारी रोजाना की ज़रूरत का 10% होता है। इस डाइटरी फाइबर से मल (स्टूल) की तादाद बढ़ती है, जिससे पाचन तंत्र (डाइजेस्टिव ट्रैक्ट) में भोजन की गति बढ़ती है जिससे पाचन (डाइजेशन) में सुधार आता है। इससे पाचन तंत्र (डाइजेस्टिव ट्रैक्ट) से जुड़ी समस्याओं में मदद मिलती है जैसे पेट में ऐंठन, पेट फूलना और कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) आदि। 

 

आँखों के लिए शहतूत (मल्बेरी) का उपयोग

 

शहतूत (Mulberry) के फलों में ज़ी-ज़ेन्थिन नाम के कैरोटेनॉयड्स होते हैं। जी -जेंथिन एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है और रेटिना के स्वास्थ्य को बनाए रखता है। मुक्त कण (फ्री रेडिकल्स) के कारण रेटिना के बीच के हिस्से, जिसे मैक्युला कहा जाता है, में डीजेनेरशन होता है | जिससे मोतियाबिंद हो सकता है।

 

शहतूत (मल्बेरी) के फलों से मिलने वाले ज़ी-ज़ेन्थिन, इन मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) की वजह से रेटिनल कोशिकाओं पर पड़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि शहतूत (मल्बेरी) में मोतियाबिंद को नियंत्रित करने की क्षमता हो सकती है। हालाँकि, मनुष्यों की आँखों में होने वाले मोतियाबिंद पर शहतूत (मल्बेरी) के प्रभाव का पता लगाने के लिए अभी हमें और अध्ययन करने की ज़रूरत है।

 

 

कैंसर के लिए शहतूत (Mulberry) का उपयोग

 

शहतूत (Mulberry) में एंटीऑक्सिडेंट जैसे विटामिन A, विटामिन C, एंथोसायनिन और कई अन्य पॉलीफेनोलिक यौगिक भरपूर मात्रा में होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट, सेलुलर मेटाबॉलिज़्म के हानिकारक उप-उत्पादों को बनाने वाले मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये उप-उत्पाद, स्वस्थ कोशिकाओं (हेल्थी सेल) को नुकसान पहुंचाते हैं और उन्हें कैंसर कोशिकाओं (सेल्स) में बदल देता हैं।

 

शहतूत (मल्बेरी) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, हानिकारक मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) को तेजी से बेअसर करने में मदद कर सकते हैं। शहतूत (मल्बेरी) के ये गुण, इन मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। कैंसर पैदा करने वाले मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) पर शहतूत के प्रभावों को साबित करने के लिए अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।

 

मधुमेह (डायबिटीज) के लिए शहतूत का उपयोग

 

शहतूत (Mulberry) की पत्तियों से निकला अर्क (एक्सट्रैक्ट) ग्लूकोज के मेटाबॉलिज़्म को उत्प्रेरित (कैटलाइज) करने में मदद सकता है। शर्मा (2010) और लोन (2017) और अन्य, द्वारा जानवरों पर किए गए अध्ययन में बताया गया कि शहतूत (मल्बेरी) की पत्तियों से निकले अर्क (एक्सट्रैक्ट) में उच्च रक्त शर्करा (हाई ब्लड ग्लूकोज) के स्तर को कम करने के गुण मौजूद हैं। हालाँकि, मनुष्यों में होने वाले रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज़) के स्तर पर शहतूत (मल्बेरी) के प्रभाव को जानने के लिए अभी मनुष्यों पर अध्ययन किए जाने की जरूरत है।

 

 

प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) 

 

शहतूत (Mulberry) में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन C कई रोगों से लड़ने में मदद करता है और उनसे सुरक्षा प्रदान करता है। यह कई सूक्ष्म जीवों (माइक्रो-ऑर्गनिज़्म) जैसे बैक्टीरिया, वायरस और कवक (फंगस) से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा शक्ति (इम्युनिटी) को बढ़ाता है। एक कप शहतूत (मल्बेरी) के फल में मौजूद विटामिन C, पूरे दिन के लिए ज़रूरी विटामिन C की मात्रा के लगभग बराबर होता है। हालाँकि, मनुष्यों की प्रतिरक्षा शक्ति (इम्युनिटी) पर शहतूत (मल्बेरी) के प्रभाव को साबित करने के लिए अभी और अध्ययन किए जाने चाहिए।

 

 

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त्वचा और बालों के लिए शहतूत का उपयोग

 

शहतूत (Mulberry) के फल में काफ़ी मात्रा में कैरोटीनॉयड होने के साथ-साथ विटामिन A और E भी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। ये यौगिक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के रूप में काम करते हैं जो बालों, त्वचा, ऊतक (टिश्यू) और शरीर के अन्य हिस्सों को मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) के खतरे से बचा सकते हैं। एंटीऑक्सिडेंट दाग को हल्का करने में मदद कर सकते हैं और त्वचा को चिकना (स्मूद) बना सकते हैं। मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) की ऑक्सीडेटिव क्रियाओं को रोककर, शहतूत (मल्बेरी) के फल बालों को भी चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। शहतूत (मल्बेरी), त्वचा से तेल निकलने और सूजन (इन्फ्लेमेशन) को कम करके फुंसियों या मुहांसों को कम कर सकते हैं। मनुष्यों पर शहतूत (मल्बेरी) के इन सभी गुणों के प्रभाव को समझने के लिए अभी और अध्ययन किए जाने की ज़रूरत है।

 

दिल के लिए शहतूत का उपयोग

 

 

 

शहतूत (Mulberry) की पत्तियों में रेस्वेराट्रोल नाम का एक महत्वपूर्ण फ्लेवोनोइड होता है। यह फ्लेवोनोइड, रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) के संकुचन को दूर करके दिल की विफलता (हार्ट फेलर) की संभावना को कम कर सकता है। शहतूत (मल्बेरी) में मौजूद रेस्वेराट्रोल, वैसोडिलेटर के रूप में काम करने वाले नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) के उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

 

इसका मतलब है कि यह रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकता है जिससे रक्त के थक्कों (ब्लड क्लॉट्स) के बनने का खतरा कम हो सकता है। इस प्रकार, यह दिल से जुड़ी समस्याओं जैसे कि दिल का दौरा या रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट्स) बनने के कारण पड़ने वाले दौरे (स्ट्रोक) को नियंत्रित कर सकता है। हालाँकि, अब तक किए गए अध्ययन, मनुष्यों के दिल के स्वास्थ्य पर, शहतूत (मल्बेरी) के प्रभाव को साबित करने के लिए अपर्याप्त हैं और इन्हें समझने के लिए अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।

 

शहतूत (Mulberry) के अन्य उपयोग

 

  • शहतूत (Mulberry) की पत्तियों को एक ईमोलिएंट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे त्वचा को कोमल या सुखदायक बनाने में मदद मिलती है।
  • शहतूत (Mulberry) की पत्तियों से बना रस, गले के संक्रमण (थ्रोट इंफेक्शन), सूजन (इन्फ्लेमेशन) और जलन (इर्रिटेशन) पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है।
  • हालाँकि, ऐसे कई अध्ययन किए गए हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में शहतूत (Mulberry) के लाभों के बार में बताते हैं, लेकिन अभी ये अपर्याप्त हैं और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर शहतूत (मल्बेरी) के प्रभाव को जानने के लिए अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।

 

शहतूत के साथ बरती जाने वाली सावधानियां

 

शहतूत (Mulberry) खाना ठीक है अगर इसे उचित मात्रा में खाया जाए। हालाँकि, शहतूत (मल्बेरी) खाते समय कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए। गर्भवती (प्रेग्नेंट) महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। इस दौरान शहतूत (मल्बेरी) को तभी खाना चाहिए जब इसे खाने की सलाह आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक ने दी हो। इसके पौधे के किसी भी भाग को बच्चों और बुजुर्ग व्यक्तियों को खाने के लिए देते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

 

अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल करना

 

एक चिकित्सा संबंधी अध्ययन (क्लीनिकल स्टडीज) के अनुसार, ज़्यादा मात्रा में काले शहतूत (ब्लैक मल्बेरी) का रस, साइटोक्रोम एंजाइम को रोकने वाली दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है | इसलिए, यह कई दवाओं के मेटाबॉलिज़्म को बाधित कर सकता है। इसलिए, इसे खाने से पहले हमेशा अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें और प्रिस्क्रिप्शन का पूरी तरह से पालन करें, क्योंकि इसमें आपकी स्वास्थ्य स्थिति (हेल्थ कंडीशन) और आपके द्वारा ली जा रही अन्य दवाओं के बारे में पूरी जानकारी होती है।

 

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Disclaimer

 

हमारे लेखों में साझा की गई जानकारी केवल इंफॉर्मेशनल उद्देश्यों से शेयर की जा रही है इन्हें डॉक्टर की सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी बीमारी या विशिष्ट हेल्थ कंडीशन के लिए स्पेशलिस्ट से परामर्श लेना अनिवार्य होना चाहिए। डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर ही इलाज की प्रक्रिया शुरु की जानी चाहिए।

 

FAQs 

 

प्रश्न  : त्वचा के लिए शहतूत (मल्बेरी) के क्या उपयोग हैं ?

 

उत्तर  : शहतूत (मल्बेरी) में विटामिन A, विटामिन E और कैरोटीनॉयड भरपूर मात्रा में होते हैं और इनमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी होते हैं। यह त्वचा के दाग-धब्बों को कम करने में मदद कर सकते हैं, त्वचा को चिकना और युवा रखते हैं, और इन एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण यह बढ़ती उम्र के धब्बों को कम करता है। शहतूत (मल्बेरी) की पत्तियों का अर्क (एक्सट्रैक्ट) फुंसियों या मुंहासे वाली त्वचा के लिए बेहद असरदार हो सकता है। 

 

प्रश्न  : जीनस मोरस की प्रमुख प्रजातियों के कौन से भाग उपयोग किए जाते हैं ?

 

उत्तर  : जीनस मोरस की तीन प्रमुख प्रजातियों के विभिन्न भागों और अर्क (एक्सट्रैक्ट) का उपयोग किया जा सकता है, ये निम्नलिखित हैं –

  • मोरस अल्बा (सफेद शहतूत) की जड़, तना, पत्तियां और फल
  • मोरस नाइग्रा (काली शहतूत) की जड़, पत्ते और फल
  • मोरस रूब्रा (लाल शहतूत) की जड़ और फल। 

 

प्रश्न  : ‘इम्मॉर्टल माउंटेन विज़ार्ड टी’ क्या है ?

 

उत्तर  : यह शहतूत (मल्बेरी) की पत्तियों से बनी एक तरह की चाय है। शहतूत (मल्बेरी) के पत्तों को धूप में सुखाकर पत्तों का काढ़ा बनाया जाता है। इस चाय को ‘इम्मॉर्टल माउंटेन विज़ार्ड टी’ के नाम से जाना जाता है। 

 

प्रश्न  : क्या शहतूत (मल्बेरी) जहरीले होते हैं ?

 

उत्तर  : शहतूत (मल्बेरी) के फल या पत्तों के जहरीले होने का कोई प्रमाण नहीं है। हालाँकि, किसी भी जड़ी-बूटी (हर्ब) को ज़्यादा मात्रा में लेते समय कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए।

 

प्रश्न  : क्या शहतूत (मल्बेरी) से बाल चमकदार बन सकते हैं ?

 

उत्तर  : हाँ। शहतूत (मल्बेरी) की पत्तियों से निकले अर्क (एक्सट्रैक्ट) में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट, बालों को ऑक्सीडेटिव क्षति (डैमेज) पहुंचाने वाले मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे बालों को चमकदार और स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।1

 

प्रश्न  : शहतूत खाने से कौन सी बीमारी ठीक होती है ?

 

उत्तर  : शहतूत पाचन तंत्र के लिए अच्छा माना जाता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, साथ ही पेट की बीमारियों को शांत करके पाचन में सुधार कर सकता है। कहा जाता है कि शहतूत में एंटी-एजिंग गुण होते हैं। इसे खाने से त्वचा की झुर्रियों और उम्र बढ़ने के अन्य लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

 

प्रश्न  : शहतूत कब खाना चाहिए ?

 

उत्तर  : गर्मियों में शहतूत के सेवन से लू लगने का खतरा कम हो जाता है और  शहतूत खाने से लीवर से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है  साथ ही यह किडनी के लिए भी बहुत फायदेमंद है |

 

प्रश्न  : शहतूत का जूस पीने से क्या होता है ?

 

उत्तर  : हाई बीपी में शहतूत का जूस पीना काफी कारगर तरीके से काम करता है। शहतूत, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर के रूप में काम किया। इसके अलावा इसका फिनाइलफ्राइन (phenylephrine) कंपाउंड, आर्टरी में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और इस तरह ये हाई बीपी की समस्या को कम करने में मददगार है।

 

प्रश्न  : शहतूत खाने से खून बढ़ता है क्या ?

 

उत्तर  : शहतूत (मल्बेरी) आयरन से भरपूर होता है, जो कि ज़्यादातर फलों में मुश्किल से ही होता है। आयरन के होने से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल) का उत्पादन बढ़ता है। 

 

प्रश्न  : सफेद शहतूत पत्ती का दूसरा नाम क्या है ?

 

उत्तर  : सफेद शहतूत एक पत्तेदार पेड़ है जिसका वैज्ञानिक नाम मोरस अल्बा है। यह पेड़ चीन, जापान और भारत का मूल निवासी है लेकिन अब यह दुनिया भर में एक प्राकृतिक पौधा है। 

 

प्रश्न  : शहतूत में कौन सा विटामिन पाया जाता है ?

 

उत्तर  : शहतूत में विटामिन C, विटामिन A और एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है। इससे इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। 

 

प्रश्न  : क्या कच्चे शहतूत आपको बीमार कर देंगे ?

 

उत्तर  : आम तौर पर कच्चे शहतूत खाने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि यह अत्यधिक सख्त होने के कारण पेट खराब होने जैसी पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। हालांकि वे नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, लेकिन कच्चे होने पर पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट उतने जैव उपलब्ध नहीं होते हैं। 

 

प्रश्न  :शहतूत कैसे खाएं ?

 

उत्तर  : डायबिटीज के मरीज ऐसे करें शहतूत की पत्तियों का सेवन –

  • डायबिटीज के मरीज शहतूत की पत्तियों को साफ करके ऐसे ही खा सकते हैं। इसके लिए उन्हें चबाकर खाएं। शहतूत की पत्तियों की चाय भी काफी फायदेमंद है।
  • शहतूत की पत्तियों के अलावा आप शहतूत के फल का सेवन भी कर सकते हैं। इससे भी ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

 

प्रश्न  : क्या शहतूत का पेड़ घर में लगाना चाहिए ?

 

उत्तर  : यह बहुत बड़ा पेड़ नहीं होता। ही इसकी जड़ें घर की नींवों को नुकसान पहुंचाती हैं। छाया भी देता है। हर कोई इसे घर में लगा सकता है।

 

प्रश्न  : सफेद शहतूत पत्ती का दूसरा नाम क्या है ?

 

उत्तर  : सफेद शहतूत एक पत्तेदार पेड़ है जिसका वैज्ञानिक नाम मोरस अल्बा है। यह पेड़ चीन, जापान और भारत का मूल निवासी है लेकिन अब यह दुनिया भर में एक प्राकृतिक पौधा है।

 

प्रश्न  : क्या शहतूत का पत्ता लिवर के लिए अच्छा है ?

 

उत्तर  : टेस्ट-ट्यूब और पशु अध्ययनों से पता चला है कि शहतूत की पत्ती का अर्क लीवर की कोशिकाओं को क्षति से बचा सकता है और लीवर की सूजन को कम कर सकता है। वजन घटना। कृतक अध्ययन से पता चलता है कि ये पत्तियां वसा जलने को बढ़ा सकती हैं और वजन घटाने को बढ़ावा दे सकती हैं।

 

प्रश्न  : भारत में शहतूत कहां उगाया जाता है ?

 

उत्तर  : यद्यपि शहतूत की खेती विभिन्न जलवायु में की जाती है, लेकिन इसका मुख्य क्षेत्र उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है, जिसमें लगभग 90 प्रतिशत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्य शामिल हैं। उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर राज्यों में शहतूत की खेती के प्रमुख क्षेत्र हैं।

 

प्रश्न  : सबसे ज्यादा शहतूत किस देश में है ?

 

उत्तर  : चीन में शहतूत की 1,000 से अधिक किस्मों की खेती की जाती है। उनमें से अधिकांश चार मुख्य प्रजातियों से उत्पन्न होते हैं – लू शहतूत, सफेद शहतूत , माउंटेन शहतूत इत्यादि |

 

प्रश्न  : शहतूत कितने साल में फल देता है ?

 

उत्तर  : पौधों के बीच 3 x 5 या 6 x 4 मीटर की दूरी होनी चाहिए। शहतूत के पौधे को विकसित होने में करीब एक साल का समय लगता है। तीसरे साल से शहतूत के पेड़ आपको एक एकड़ जमीन पर 8 से 10 हजार किलोग्राम प्रति वर्ष शहतूत की पत्ती का उत्पादन देंगे। 

 

प्रश्न  : शहतूत के पत्ते कौन से कीट खाते हैं ?

 

उत्तर  : अतः इन्हें रेशम कीट कहते हैं। ये आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं तथा इनका पालन चीन में लगभग 5000 वर्षों से होता आया है। रेशम कीट एकलिंगी होता है, अर्थात नर और मादा कीट अलग-अलग होते हैं। यह शहतूत के पत्तों को खाता है।

 

प्रश्न  : शहतूत के पेड़ की उम्र कितनी होती है ? 

 

उत्तर  : वन एवं पर्यावरण विभाग के मुताबिक पीपल, बरगद, पिलखन, कदम, शहतूत इत्यादि पेड़ों की उम्र सैकड़ों साल तक होती है। नीम, अर्जुन, आम और जामुन के पेड़ों की उम्र 80 से 90 साल तक मानी जाती है, जबकि अमलताश और गुलमोहर जैसे वृक्ष 50 से 60 साल की औसत उम्र वाले होते हैं। 

 

प्रश्न  : शहतूत को कितनी बार पानी देना चाहिए ?

 

उत्तर  : पानी नए लगाए गए शहतूत के पेड़ों को पहले कुछ वर्षों तक वसंत से शरद ऋतु तक नियमित रूप से पानी दें। सूखे के दौरान या बहुत मुक्त जल निकासी वाली मिट्टी को छोड़कर, स्थापित पेड़ों को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

 

 

Thank You !

 

 

Founder and Onwer of Mathematical Academy .

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